धर्म और अध्यात्म में तीर्थयात्रा एक बहुत लम्बी यात्रा या नैतिकता की खोज होती है। कभी-कभी यह किसी पवित्र क्षेत्र या तीर्थ की यात्रा होती है। हर प्रमुख धर्म के अनुयायी तीर्थ यात्राओं में भाग लेते हैं। ऐसी यात्रा करने वाले को तीर्थयात्री कहते हैं।
चार धाम : बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम ये सभी हिन्दुओं के सबसे पवित्र तथा महत्त्वपूर्ण तीर्थों में गिने जाते हैं।
कुम्भ मेला : कुम्भ मेला हिन्दुओं के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक है जो हर तीन वर्ष में आयोजित किया जाता है। इस महोत्सव को प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में से ही किसी एक नगर में रखा जाता है।
पुराणों के अनुसार सबसे प्राचीन तथा पवित्र नगर : वाराणसी जिसे पहले काशी के नाम से जाना जाता था, प्रयागराज को प्रयाग, हरिद्वार-ऋषिकेश, मथुरा-वृन्दावन, कुरुक्षेत्र जो कि हरियाणा में भगवद्गीता की भूमि और अयोध्या इन सभी नगरों को पवित्र तथा प्राचीन माना जाता है।
मन्दिरवाले पुराने नगर –
- पुरी जहाँ पर विश्वविख्यात जगन्नाथ मन्दिर है और प्रतिवर्ष रथ यात्रा निकाली जाती है।
- कटरा जहाँ विश्वविख्यात वैष्णोदेवी मन्दिर है।
- तिरुमला, तिरुपति जहाँ विश्वविख्यात वेङ्कटेश्वर मन्दिर है।
- मदुरै का मीनाक्षी मन्दिर
- श्रीरङ्गम् का श्री रङ्गनाथस्वामी मन्दिर
- द्वारका में श्री द्वारकाधीश मन्दिर
- बरसाना में राधा रानी मन्दिर
- सबरीमाला मन्दिर
- तिरुवनन्तपुरम् का पद्मनाभस्वामी मन्दिर
- केरल के गुरुवायुर का गुरुवायुर मन्दिर
- महाराष्ट्र के पन्धरपुर की पन्धरपुर वारी अर्थात् पन्धरपुर यात्रा , इसे इन सभी में से सबसे पुराना माना गया है क्योंकि यह परम्परा पिछले 800 वर्षों से एकसमान चली आ रही है।
पवित्र स्थल
- अमरनाथ
- पशुपतिनाथ नेपाल
- श्री माता वैष्णो देवी धाम
- पुष्कर
- करोली माता
- सालासर बालाजी
- खाटूश्याम
- वृन्दावन धाम
- ओरछा धाम
- मैहर देवी
- विंध्याचल देवी
- नैमिषारण्य तीर्थ
- शुक्रताल
- शनि सिग्नापुर
- अष्टाविनायक
- मेहन्दीपुर
चार धाम
- रामेश्वरम
- बद्रीनाथ
- द्वारका
- जगन्नाथ पुरी
कुंभ स्थल
- हरिद्वार
- प्रयाग
- उज्जैन
- नासिक
इक्यावन शक्ति पीठ
- हिंगलाज भवानी पाकिस्तान
- बहुचरा माता गुजरात
- अंबाजी माता अंबाजी गुजरात
- शर्कररे
- सुगंध
- शाकम्भरी शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश
- ज्वाला जी
- त्रिपुर मालिनी
- गुजयेश्वरी
- दाक्षायनी
- विमला
- गंडकी चंडी
- बाहुला
- मंगल चंद्रिका
- त्रिपुरसुंदरी
- छत्राल भवानी
- भ्रामरी
- कामाख्या
- जुगाड़्या
- कालीघाट
- ललिता
- जयंती
- विमला, किरीट
- विशालाक्षी
- श्रावणी
- सावित्री
- गायत्री
- महालक्ष्मी, श्रीशैल
- देवगर्भ, बीरभूमि
- अमरकंटक
- नर्मदा
- शिवानी
- उमा
- नारायणी
- वाराही
- अर्पण
- श्री सुंदरी
- कपालिनी
- चंद्रभागा
- अवंति
- भ्रामरी, नासिक
- विश्वेश्वरी
- अम्बिका
- कुमारी
- उमा, मिथिला
- कालिका
- जयदुर्गा
- महिषमर्दिनी
- यशोरेश्वरी
- फुल्लरा
- नंदिनी
- इंद्राक्षी
द्वादश ज्योतिर्लिंग
- सोमनाथ
- श्रीशैल मल्लिकार्जुन
- महाकालेश्वर
- ॐकारेश्वर
- त्र्यंबकेश्वर
- भीमाशंकर
- केदारनाथ
- विश्वनाथ
- बैद्यनाथ
- नागेश्वर
- रामेश्वरम
- घृष्णेश्वर
सप्त पुरियां
- काशी
- मथुरा
- अयोध्या
- द्वारका
- माया
- कांची
- अवंति
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