Monthly fast and festival list of July 2024

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Monthly fast and festival list of July 2024

Monthly fast and festival list of July 2024

 

Date Day Fast & Festivals
July 2, 2024 Tuesday Monthly Karthigai
Yogini Ekadashi
July 3, 2024 Wednesday Rohini Vrat
Pradosh Vrat
July 4, 2024 Thursday Monthly Shivratri
July 5, 2024 Friday Darsh Amavasya
Ashadha Amavasya
July 6, 2024 Saturday Ashadha Navratri
Ishti
July 7, 2024 Sunday Jagannath Rath Yatra
Chandra Darshan
July 9, 2024 Tuesday Vinayaka Chaturthi
July 11, 2024 Thursday Skanda Sashti
July 13, 2024 Saturday Ashadha Ashtahnika Vidhi Begins
July 14, 2024 Sunday Monthly Durgashtami
July 16, 2024 Tuesday Karka Sankranti
July 17, 2024 Wednesday Gauri Vrat Begins
July 17, 2024 Wednesday Devshayani Ekadashi
July 18, 2024 Thrusday Vasudev Ekadashi
July 19, 2024 Friday Jaya Parvati Vrat Begins
Pradosh Vrat
July 20, 2024 Saturday Kokila Vrat
Ashadha Chaumasi Chaudas
July 21, 2024 Sunday Guru Purnima
Vyasa Puja
Gauri Vrat Ends
Ashadha Ashtahnika Vidhan Ends
Ashadha Purnima Vrat
Ashadha Purnima
Anvadhan
Chakshusha Manvadi
July 22, 2024 Monday Shravana Begins
First Shravana Somwar Vrat
Ishti
July 23, 2024 Tuesday First Mangala Gauri Vrat
July 24, 2024 Wednesday Jayaparvati Vrat Ends
Gajanana Sankashti Chaturthi
July 27, 2024 Saturday Kalashtami
July 27, 2024 Saturday Masik Krishna Janmashtami
July 29, 2024 Monday Second Shravana Somwar
Masik Karthigai
July 30, 2024 Tuesday Second Mangala Gauri Vrat
July 31, 2024 Wednesday Rohini Vrat
Kamika Ekadashi

Monthly Karthigai Yogini Ekadashi Rohini Vrat Pradosh Vrat Monthly Shivratri Darsh Amavasya Ashadha Amavasya Ashadha Navratri Ishti Jagannath Rath Yatra Chandra Darshan Vinayaka Chaturthi Skanda Sashti Ashadha Ashtahnika Vidhi Begins Monthly Durgashtami Karka Sankranti Gauri Vrat Begins Devshayani Ekadashi Vasudev Ekadashi Jaya Parvati Vrat Begins Pradosh Vrat Kokila Vrat Ashadha Chaumasi Chaudas Guru Purnima Vyasa Puja Gauri Vrat Ends Ashadha Ashtahnika Vidhan Ends Ashadha Purnima Vrat Ashadha Purnima Anvadhan Chakshusha Manvadi Shravana Begins First Shravana Somwar Vrat Ishti First Mangala Gauri Vrat Jayaparvati Vrat Ends Gajanana Sankashti Chaturthi Kalashtami Masik Krishna Janmashtami Second Shravana Somwar Masik Karthigai Second Mangala Gauri Vrat Rohini Vrat Kamika Ekadashi

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  1. जगन्नाथ रथ यात्रा, भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा है, जो उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में आयोजित की जाती है। यह पर्व भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। रथ यात्रा हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण और भव्य त्योहारों में से एक है, जिसे देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
    जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व

    धार्मिक महत्व: रथ यात्रा का धार्मिक महत्व अत्यंत उच्च है। यह भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के एक वार्षिक यात्रा को दर्शाता है, जब वे अपने मंदिर से बाहर आते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं।
    सांस्कृतिक महत्व: यह त्योहार उड़ीसा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है और विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं और संगीत का प्रदर्शन किया जाता है।
    आध्यात्मिक महत्व: रथ यात्रा में भाग लेने वाले भक्त भगवान जगन्नाथ के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण को व्यक्त करते हैं।

    प्रमुख गतिविधियाँ

    रथों का निर्माण: रथ यात्रा के लिए तीन विशाल रथ बनाए जाते हैं, जिन्हें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के लिए सजाया जाता है।
    रथ यात्रा: भगवान को उनके रथों में बैठाकर मुख्य मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह यात्रा लगभग 3 किलोमीटर की होती है और लाखों भक्त इसमें शामिल होते हैं।
    रथ खींचना: भक्तजन रथों की रस्सियों को खींचते हैं, इसे बहुत शुभ माना जाता है और इस कार्य में भाग लेने के लिए श्रद्धालु उत्साहित होते हैं।

    रथ यात्रा की तिथि 2024

    आरंभ तिथि: 8 जुलाई 2024

    रथ यात्रा की विशेषताएँ

    शुभारंभ: रथ यात्रा के पहले दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को उनके रथों में बिठाया जाता है और यात्रा का शुभारंभ होता है।
    गुंडिचा मंदिर: भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन गुंडिचा मंदिर में सात दिनों के लिए रुकते हैं, जिसके बाद पुनः रथ यात्रा द्वारा मुख्य मंदिर में वापस लाया जाता है।
    पारंपरिक नृत्य और संगीत: रथ यात्रा के दौरान पारंपरिक नृत्य, गीत और संगीत का आयोजन होता है, जो उत्सव को और भी रंगीन बना देता है।

    तैयारी और आयोजन

    प्रसाद वितरण: रथ यात्रा के दौरान भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया जाता है, जिसे बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है।
    सुरक्षा प्रबंध: रथ यात्रा के दौरान भारी भीड़ को संभालने के लिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए जाते हैं।

    जगन्नाथ रथ यात्रा एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो भगवान जगन्नाथ के प्रति भक्तों की गहरी आस्था और प्रेम को दर्शाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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  2. चंद्र दर्शन, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा के दर्शन करने से संबंधित है। इसे शुभ माना जाता है और इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्र दर्शन का आयोजन अमावस्या के अगले दिन होता है जब चंद्रमा का हल्का स्वरूप पहली बार दिखता है।
    चंद्र दर्शन का महत्व

    धार्मिक महत्व: चंद्र दर्शन को शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है।
    आध्यात्मिक महत्व: यह पर्व आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है। भक्त इस दिन चंद्रमा की पूजा करके मानसिक शांति प्राप्त करते हैं।
    ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा का विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन के समय चंद्रमा की स्थिति से जुड़ी ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार उपाय किए जाते हैं।

    चंद्र दर्शन की तिथि 2024

    चंद्र दर्शन की तिथियाँ अमावस्या के दिनांक के आधार पर बदलती हैं। यहाँ 2024 के प्रमुख चंद्र दर्शन की तिथियाँ दी गई हैं:

    जनवरी: 11 जनवरी 2024
    फरवरी: 9 फरवरी 2024
    मार्च: 10 मार्च 2024
    अप्रैल: 8 अप्रैल 2024
    मई: 8 मई 2024
    जून: 6 जून 2024
    जुलाई: 6 जुलाई 2024
    अगस्त: 4 अगस्त 2024
    सितंबर: 3 सितंबर 2024
    अक्टूबर: 2 अक्टूबर 2024
    नवंबर: 1 नवंबर 2024
    दिसंबर: 30 नवंबर 2024

    पूजा विधि

    शुद्धि और स्नान: चंद्र दर्शन के दिन प्रातः काल शुद्ध होकर स्नान करना चाहिए।
    चंद्रमा की पूजा: चंद्र दर्शन के समय चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। चावल, दूध और पानी मिलाकर चंद्रमा को अर्पित करें।
    मंत्र जप: चंद्रमा की पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है:

    ॐ सों सोमाय नमः।

    प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरण करना चाहिए और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।

    लाभ

    मनोकामना पूर्ति: चंद्र दर्शन से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
    सुख और समृद्धि: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
    मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है, और मानसिक शांति मिलती है।

    चंद्र दर्शन एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन की पूजा और विधि विधान से चंद्रमा की कृपा प्राप्त की जा सकती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाई जा सकती है।

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