राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, मधुबनी बिहार में जिला परियोजना पदाधिकारी की नियुक्ति
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga, NMCG) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ और पुनर्जीवित करना है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण को कम करना और उन्हें फिर से साफ और स्वस्थ बनाना है। यहाँ इस मिशन के कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
उद्देश्य
- प्रदूषण नियंत्रण: गंगा नदी में प्रवेश करने वाले प्रदूषण स्रोतों को नियंत्रित करना।
- जल गुणवत्ता सुधार: गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार लाना।
- नदी का पुनरुद्धार: नदी के प्राकृतिक प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करना।
- जन जागरूकता: लोगों में गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना।
प्रमुख पहल
- जल उपचार संयंत्र (STPs): गंगा नदी के किनारे वाले शहरों और कस्बों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की स्थापना।
- औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण: उद्योगों द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट जल का उपचार सुनिश्चित करना।
- कचरा प्रबंधन: गंगा के किनारे के क्षेत्रों में ठोस कचरे के उचित निपटान की व्यवस्था करना।
- अविरल गंगा: गंगा नदी में पर्याप्त जल प्रवाह बनाए रखना।
योजनाएं और कार्यक्रम
- नमामि गंगे कार्यक्रम: यह मिशन का प्रमुख कार्यक्रम है, जो गंगा की सफाई और संरक्षण के लिए कई परियोजनाओं को लागू करता है।
- जन भागीदारी: मिशन में स्थानीय समुदायों, गैर-सरकारी संगठनों, और जनता की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है।
- शोध और विकास: गंगा के पारिस्थितिकी तंत्र और प्रदूषण को समझने के लिए अनुसंधान और विकास कार्यों को बढ़ावा देना।
लाभ
- पर्यावरण संरक्षण: गंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण और पुनर्जीवन।
- स्वास्थ्य सुधार: गंगा नदी के जल की गुणवत्ता में सुधार से संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में सुधार।
- सांस्कृतिक संरक्षण: गंगा नदी का भारतीय संस्कृति और धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है, और इसका संरक्षण सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन का उद्देश्य गंगा नदी को फिर से स्वच्छ, स्वस्थ और पवित्र बनाना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसका लाभ उठा सकें और इसे संरक्षित रख सकें।