कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का विशेष दिन है। यह चतुर्थी हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करके उनके विशेष आशीर्वाद और संकटनाशन की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से, यह दिन उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी परेशानियों और कष्टों से छुटकारा पाना चाहते हैं।
कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि:
1. उपवास (व्रत):
- उपवास का महत्व: इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है। उपवास सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही तोड़ा जाता है।
- भोजन: उपवास के दौरान फल, दूध, और अन्य फलों का सेवन किया जा सकता है। कुछ लोग निराहार उपवास भी रखते हैं।
2. भगवान गणेश की पूजा:
- पूजा सामग्री: भगवान गणेश की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में गणेश मूर्ति/चित्र, फूल, धूप, दीप, नारियल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर), दूर्वा (घास), और मोदक शामिल होते हैं।
- मंत्र: पूजा के दौरान निम्नलिखित गणेश मंत्रों का जाप करें:
- "ॐ गण गणपतये नमः"
- "ॐ वक्रतुण्डाय हुं"
- "ॐ श्री गणेशाय नमः"
3. कथा का श्रवण:
- कथा सुनना: संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश पुराण या संकष्टी चतुर्थी की कथा सुनना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे व्रत की पूर्णता होती है और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
4. चंद्रमा को अर्घ्य:
- अर्घ्य देने की विधि: उपवास के अंत में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है। अर्घ्य देने के लिए जल, दूध, और चावल का उपयोग किया जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही उपवास खोला जाता है।
कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी का महत्व:
- संकटनाशक: इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है।
- सौभाग्य: व्रत और पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति: उपवास और पूजा से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- बुद्धि और ज्ञान: भगवान गणेश बुद्धि और ज्ञान के देवता माने जाते हैं, अतः उनकी आराधना से विवेक और ज्ञान में वृद्धि होती है।
विशेष टिप्स:
- दूर्वा का महत्व: भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा का विशेष महत्व है। पूजा में दूर्वा चढ़ाने से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं।
- मोदक का भोग: भगवान गणेश को मोदक अति प्रिय है। अतः उनकी पूजा में मोदक का भोग अवश्य चढ़ाएं।
निष्कर्ष:
कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की आराधना का विशेष दिन है। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है और सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश की कृपा से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है, जो जीवन में सफलता और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है।