BHAKTI SAGAR
श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् (Shri Hanumat Pancharatnam)
श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम् (Shri Hanumat Pancharatnam) आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित श्री हनुमत पञ्चरत्नं स्तोत्र में भगवान श्री हनुमान की विशेषता के बारे में बताया गया हैं। श्री हनुमत पञ्चरत्नं का पाठन करने वाला व्यक्ति भगवान श्री रामचंद्र का परम भक्त बन जाता हैं । वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् । सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥१॥
By Admin On Thursday April 28 2022 3
mundeshwari devi temple, Kaimur Bihar
mundeshwari devi temple The temple is considered as the ‘oldest Functional' temple of the world as rituals have been performed here without a break. Maa Mundeshwari Devi Temple is dedicated to Lord Shiva and Shakti and is positi
By Admin On Saturday October 1 2022 3
koteshwar sthan, Jehanabad Bihar
koteshwar sthan Koteshwar place is in Jehanabad district. There is unwavering faith and belief in the tourists coming to this place. Baba Koteshwar Nath Dham is the center of faith. Sahastralingi Mahadev Koteshwar Nath and the ancient Peepal tree here are at
By Admin On Saturday October 1 2022 3
vishnupad temple The temple was erected during 1787 by Queen Ahilyabai. A beautiful sacred place on the banks of Phalgu river surrounded by rugged rocks on three sides and water on the fourth side. The second largest city of Bihar is that ancient city which has been talke
By Admin On Saturday October 1 2022 3
श्री गीता के ज्ञान की कथा प्रथम अध्याय प्रारम्भ
श्री गीता के ज्ञान की कथा प्रथम अध्याय प्रारम्भ जब कौरव और पांडव महाभारत के युद्ध को चले तब राजा धृतराष्ट ने कहा मैं भी युद्ध को देखने चलूँ तब श्री व्यास देवजी ने कहा हे राजन- नेत्र के बिना क्या देखोगे तब राजा धृतराष्ट ने कहा हे प्रभुजी देखूँगा नहीं तो श्रवण तो करूंगा | तब व्यासजी ने कहा हे राजन ! तेरा सारथी सञ्जय जो कुछ महाभारत के युद्ध की लीला कुरुक्षेत्र में होगी सो तुझे यहाँ बैठे ही श्रवण करावेगा | व्यास देवजी के मुख से यह वचन सुन सञ्जय ने विनती करी हे प्रभु ! यहाँ हस्तिना
By Admin On Tuesday August 16 2022 3
badi patan devi One approaches the Badi Patan Devi temple at Patna through multiple lanes in the city. This temple is to south-east of the famous Sikh Gurudwara, Harmandir Sahib, the birthplace of Guru Govind Singh. One among the 52 Shaktipeethas it is believed t
By Admin On Saturday October 1 2022 3
vishwa shanti stupa, Nalanda Bihar
vishwa shanti stupa Vishwa Shanti Stupa, also called the Peace Pagoda. It is located at the highest point of Ratnagiri hill, at an altitude of 400 m in Rajgir, qualifying its serene charm as divine. Built completely with marble, Stupa comprises four golden stat
By Admin On Saturday October 1 2022 3
samwasaran Samavsharan is an important footprint for followers of Jainism where Tirthankara Lord Mahavira preached his first and last disciple. Samavsharan or Samosharana "Refuge to All" is a term for the divine preaching hall of the Tirthank
By Admin On Saturday October 1 2022 3
jal mandir, pawapuri, Nalanda Bihar
jal mandir, pawapuri The Jal Mandir (literally water temple) marks the spot where Lord Mahavira was cremated. It is said that there was such a huge demand for ashes from his funeral pyre that Jal mandir as the name suggests is a temple in the middle of a lake bloo
By Admin On Saturday October 1 2022 3
ghora katora Ghora Katora Lake is a beautiful spot near Rajgir. It is said that the horses of the kings of Rajgir used to drink water here. The shape of the lake resembles that of a horse and the lake is surrounded by mountains on three of the sides. It is located near World Peace
By Admin On Saturday October 1 2022 3
punaura dham Maa Janaki Janmabhoomi Temple is also known as Punaura Dham in Punaura village of Sitamarhi district of Bihar. It is believed that Mata Sita was born at this place. There is a story related to this that once there was a severe famine in Mithila and the priest there a
By Admin On Saturday October 1 2022 3
बालकाण्ड हिंदी अर्थ सहित | संपूर्ण बालकांड | Bal Kand with Hindi Meaning
रामचरितमानस बालकाण्ड अर्थ सहित | Bal Kand with Hindi Meaning रामचरितमानस बालकाण्ड अर्थ सहित | Bal Kand with Hindi Meaning श्रीगणेशायनमः श्रीजानकीवल्लभो विजयते
By Admin On Wednesday March 1 2023 3
shri ugratara sthan mahishi, Saharsa Bihar
shri ugratara sthan mahishi In this ancient temple, the idol of Bhagwati Tara is said to be very old and draws devotees from far and wide. Shri Ugratara Mandir, Mahishi, Saharsa is situated at a distance of about 17 Kms west of Sah
By Admin On Saturday October 1 2022 3
Sun Temple Kandaha, Saharsa Bihar
Sun Temple Kandaha Sun Temple Kandaha is an important religious and historical place that has been duly recognized by the Archaeological Survey of India as the Sun Temple located at Deo in Aurangabad district. This temple is situated about 3 km north of Gorho Ghat Chowk on the way to Tarasthan, Mahishi. Surya Mandir Kandaha The grand idol of the Sun God riding a seven-horse chariot is carved on a single granite slab. On the sanctum sanctorum of the temple, there are inscriptions tha
By Admin On Saturday October 1 2022 3
AKSHAYA TRITIYA - अक्षय तृतीया
AKSHAYA TRITIYA - अक्षय तृतीया अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किन्तु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। महत्व अक्षय तृतीया का सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस द
By Admin On Monday May 2 2022 3
takhat sri harimandir ji patna sahib, Patna Bihar
takhat sri harimandir ji patna sahib TAKHAT SRI HARIMANDIR JI PATNA SAHIB is considered the second holiest Takhat. Revered as the birthplace of Sri Guru Gobind Singh Ji Maharaj, it is one of the five seats of temporal authority of the Sikhs an
By Admin On Saturday October 1 2022 3
भागवत गीता तेरहवां अध्याय श्री कृष्ण जी बोले हे कौन्तेय ! यह शरीर क्षेत्र कहलाता है इसके जानने वाले को क्षेत्रज्ञ कह
By Admin On Wednesday August 17 2022 3
mandan dham Mandan Dham is located in Mahishi village of Saharsa district. It is also known as the birthplace of Pandit Mandan Mishra, the great scholar, and philosopher of the 8th century. An interesting story is associated with this place. It is said that Pandit Mandan Mishr
By Admin On Saturday October 1 2022 3
भागवत गीता दसवां अध्याय श्री कृष्ण भगवान ने कहा हे महाबाहो ! और भी मेरे कल्याण करक वचन सुनो, तुम पर मेरी अत्यंत प्रीति है अतएव तुम्हारे कल्याण के लि
By Admin On Wednesday August 17 2022 3
मोहिनी एकादशी - यह तिथी सब पापों को हरनेवाली है
वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहते हैं। ऐसा विश्वास किया जाता है कि यह तिथी सब पापों को हरनेवाली और उत्तम है। इस दिन जो व्रत रहता है उसके व्रत के प्रभाव से मनुष्य मोहजाल तथा पातक समूह से छुटकारा पा जाते हैं। वैशाख मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता हैं। यह तिथी सब पापों को हरनेवाली है। इस दिन जो व्रत रखते है वह मनुष्य मोहजाल तथा पातकों से छुटकारा पा जाते हैं। धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि , "हे कृष्ण!वैशाख मास की शुक्ल पक
By Admin On Tuesday May 3 2022 3
भागवत गीता आठवां अध्याय अर्जुन ने कहा, हे पुरुषोतम ! वह ब्रह्म क्या है ? अध्यात्म किसको कहते है? कर्म क्या है? अधिभूत क्या और अधिदैव क्या कहाता है? ह
By Admin On Wednesday August 17 2022 3
Devotional Books - Read and Download for Free
Devotional Books - Read and Download for Free Download All Ved and Puran PDF Hindi Free Agni Puran
By Admin On Tuesday May 3 2022 3
अपरा एकादशी - पुण्य प्रदाता और बड़े-बड़े पातकों का नाश करने वाली है
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। कथा महीध्वज नामक एक धर्मात्मा राजा था। राजा का छोटा भाई वज्रध्वज बड़े भाई से द्वेष रखता था। एक दिन अवसर पाकर इसने राजा की हत्या कर दी और जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु होने के कारण राजा की आत्मा प्रेत बनकर पीपल पर रहने लगी। मार्ग से
By Admin On Tuesday May 3 2022 3
भगवत गीता तीसरा अध्याय अर्जुन ने पूछा हे जनादर्न ! यदि आपके मत से कर्म से बुद्धी श्रेष्ट है तो
By Admin On Wednesday August 17 2022 3
तीन आंखें हैं भगवान गणेश की मूर्ति में
तीन आंखें हैं भगवान गणेश की मूर्ति मेंतीन आंखें हैं भगवान गणेश की मूर्ति में राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर रणथंभौर के किले में बना यह गणेश मंदिर अपनी इस बात के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे हुई थी मंदिर की स्थापना
By Admin On Tuesday July 5 2022 3
सत्य एक ही होता है जिसे ज्ञानी मनुष्य अलग-अलग नामों से बुलाते हैं
क्या आप भगवान विष्णु के नवगुंजर अवतार के विषय में जानकारी दे सकते हैं? सबसे पहले जवाब दिया गया: क्या आप भगवान विष्णु के नवगुंजर अवतार के विषय जानकारी दे सकते है? वैसे तो भगवान विष्णु के मुख्य १० (दशावतार ) एवं कुल २४ अवतार माने गए हैं किन्तु उनका एक ऐसा अवतार भी है जि
By Admin On Friday May 20 2022 3
Photograph of Takhat Sri Harimandir Ji, Patna Saheb, India
Photograph of Takhat Sri Harimandir Ji, Patna Saheb, India
By Admin On Thursday May 5 2022 3
हनुमान जी के सूर्य को निगलने की कहानी का वैज्ञानिक रहस्य | Facts about Hanuman Ji Eating Sun Story In Hindi
By Admin On Thursday August 18 2022 3
बुद्ध पूर्णिमा - गौतम बुद्ध का जन्म
बुद्ध पूर्णिमा (वेसक या हनमतसूरी) बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह बैसाख माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनका महानिर्वाण भी हुआ था। ५६३ ई.पू. बैसाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध का जन्म लुंबिनी, शाक्य राज्य (आज का नेपाल) में हुआ था। इस पूर्णिमा के दिन ही ४८३ ई. पू. में ८० वर्ष की आयु में 'कुशनारा' में में उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। वर्तमान समय का कुशीनगर ही उस स
By Admin On Friday May 6 2022 3
सूर्य पुत्र शनिदेव - कर्मफल दाता माने जाते है
शनि ग्रह के प्रति अनेक आखयान पुराणों में प्राप्त होते हैं।शनिदेव को सूर्य पुत्र एवं कर्मफल दाता माना जाता है। लेकिन साथ ही पितृ शत्रु भी.शनि ग्रह के सम्बन्ध मे अनेक भ्रान्तियां और इस लिये उसे मारक, अशुभ और दुख कारक माना जाता है। पाश्चात्य ज्योतिषी भी उसे दुख देने वाला मानते हैं। लेकिन शनि उतना अशुभ और मारक नही है, जितना उसे माना जाता है। इसलिये वह शत्रु नही मित्र है।मोक्ष को देने वाला एक मात्र शनि ग्रह ही है। सत्य तो यह ही है कि शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करता है, और हर प्राणी के साथ उचित न्याय करता है।
By Admin On Friday May 6 2022 3
पटना के बुद्धा मार्ग में देश का चौथा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर
पटना के बुद्धा मार्ग में देश का चौथा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर पटना के बुद्धा मार्ग में देश का चौथा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर दस बारह साल की निर्माण प्रक्रिया के बाद बन कर तैयार हो गया है।जहां करीब 1000 लोग एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। पटना को एक नया लैंडमार्क मिला और श्रद्धालुओं तथा पर्यटकों को भी एक सुन्दर मंदिर प्रांगण मिला!!
By Admin On Friday May 6 2022 3
सबसे पहले भगवान श्रीराम ने किया था पुनपुन नदी के तट पर पूर्वजों का पिंडदान
सबसे पहले भगवान श्रीराम ने किया था पुनपुन नदी के तट पर पूर्वजों का पिंडदान पटना। मोक्ष द्वार के रूप में देश-विदेश में विख्यात बिहार के गयाजी में पितृ पक्ष के दौरान फल्गु नदी या उसके तट पर पिंडदान का बड़ा महत्व है, लेकिन आदि गंगा कही जाने वाली पुनपुन नदी को पितृ तर्पण की प
By Admin On Friday August 19 2022 3
Bhakti Sagar | Stotra (स्तोत्र)
Navgrah Puja नवग्रह पूजा विधि : किसी भी पूजन कार्य में नवग्रह पूजा का विशेष महत्व है | नवग्रह पूजा हेतु ग्रहों का आवहान करके पहल
By Admin On Sunday May 22 2022 3
श्री कृष्णाष्टकम् | Krishna Ashtakam
श्री कृष्णाष्टकम् | Krishna Ashtakam वसुदेव सुतं देवंकंस चाणूर मर्दनम्। देवकी परमानन्दंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ अतसी पुष्प सङ्काशम्हार नूपुर शोभितम्। रत्न कङ्कण केयूरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ कुटिलालक संयुक्तंपूर्णचन्द्र निभाननम्। विलसत् कुण्डलधरंकृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥ मन्दार गन्ध संयुक्तंचारुहासं चतुर्भुजम्। बर्हि पिञ्छाव चूडाङ
By Admin On Friday July 15 2022 3
जाने पूजन विधि : Know how to perform Puja
जाने पूजन विधि : कैसे करें पूजा ( Know how to perform Puja ) १) निचे दिए गएँ मंत्र से स्वं की शुद्धि करें ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोSपि वा | य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं सः बाह्याभ्यन्तरः शुचि: || भावार्थ: हे कमल सदृश नेत्रोंवाले देव , आप मुझे आंतरिक और बाहरी शुचिता प्रदान करें | मैं आपका स्मरण करता हूँ | २) आसान शुद्धि :&nb
By Admin On Sunday May 22 2022 3
Chamundeshwari Hill Temple - Pooja Timing, Photos, Entry Ticket Cost, Other Details
Chamundeshwari Hill Temple Chanmundeshwari Devi The Chamundeshwari Temple is considered as a Shakti Peetha i
By Admin On Sunday May 22 2022 3
श्री हनुमान पताका का रहस्य और इसका दुर्लभ प्रयोग
श्री हनुमान पताका का रहस्य और इसका दुर्लभ प्रयोगश्री हनुमान पताका का रहस्य और इसका दुर्लभ प्रयोग हनुमान जी के किसी भी चित्र में देखें तो पाएंगे की उनके हाथ में सदा गद्दा और झण्डा रहता है। झण्डे पर लिखा होता है। श्रीराम। महाभारत युद्ध के समय हनुमान जी अर्ज
By Admin On Friday October 14 2022 3
जिस घर में हनुमान जी के इस मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती
जिस घर में हनुमान जी के इस मंत्र का जाप होता हैं वहां किसी प्रकार की हानि नही होती हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करता हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं। किसी प्रकार का भय या डर उस जातक को नही डराता। हनुमान जी को प्रसन्न करना अत्यधिक सरल हैं। किसी भी विघ्न में हनुमान जी का स्मरण निर्विघ्न कर देता हैं। हनुमान जी सभी
By Admin On Friday October 14 2022 3
पंचमुखी हनुमान कवच PDF | Panchmukhi Hanuman Kavach
पंचमुखी हनुमान कवच PDF | Panchmukhi Hanuman Kavach श्रीपञ्चमुखिवीरहनूमत्कवचम् (सुदर्शनसंहितातः ।) अस्य श्रीपञ्चमुखिवीरहनूमत्कवचस्तोत्रमहामन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः । गायत्री छन्दः । पञ्चमुख्यन्तर्गतः श्रीरामरूपी परमात्मा देवता । रां बीजम् । मं शक्तिः । चन्द्र इति कीलकम् । पञ्चमुख्यन्तर्गत श्रीरामरूपिपरमात्मप्रसादसिद्ध्यर्थे मम सर्वाभीष्
By Admin On Friday July 22 2022 3
Shri Hanuman Vadvanal Stotram Lyrics in Sanskrit विनियोगम् ॐ अस्य श्रीहनुमान वडवानलस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः, श्रीहनुमान् वडवानल देवता ह्रां बीजम् ह्रीं शक्तिं सौं कीलकं, ममसमस्त विघ्नदोषनिवारणार्थे, सर्वशत्रुक्षयार्थे, सकलराजकुल संमोहनार्थे, मम समस्तरोग प्रशमनार्थम्, आयुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं समस्तपापक्षयार्थं, श
By Admin On Friday July 22 2022 3
Ramchaura Mandir Hajipur, Bihar, India
Ramchaura Mandir Hajipur, Bihar, IndiaThe Ramchaura Mandir is a Hindu Temple in the city of Hajipur, Bihar, India. Dedicated to Lord Rama, it is located at Rambhadra near Helabazar, Hajipur. As per local folklore, it is said to have been in existence since Ramayana period and Lord Shri Ram
By Admin On Sunday July 24 2022 3
Ganesh Atharvashirsha: इन दो लोगों को जरूर करना चाहिए गणेश अथर्वशीर्ष पाठ, जानें विधि और लाभ
Bhakti Sagar | Stotra (स्तोत्र)
Ganesh Atharvashirsha: पार्वती पुत्र को समर्पित एक वैदिक प्रार्थना है गणपति अथर्वशीर्ष. मान्यता है कि प्रतिदिन भगवान गणेश का अथर्वशीर्ष पाठ करने से घर और जीवन के अमंगल दूर होते हैं. प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश समस्त विघ्न बाधाओं का नाश करने वाले देवता हैं. हर सप्ताह बुधवार का दिन इन्हीं को
By Admin On Wednesday August 31 2022 3
श्री खाटू श्याम चालीसा Shri Khatu Shyam Chalisa
श्री खाटू श्याम चालीसा Shri Khatu Shyam Chalisa
By Admin On Saturday May 14 2022 3
Brahma Chalisa | श्री ब्रह्मा चालीसा
भगवान ब्रह्मा इस धरती के निर्माता हैं हिंदू धर्म में, भगवान ब्रह्मा को सर्वोपरि महत्व माना जाता है। पुराणों में, भगवान ब्रह्मा परमेश्वर का पुत्र है, ब्राह्मण जो सर्वोच्च व्यक्ति या सर्वशक्तिमान ईश्वर के लिए एक सामान्य शब्द है|
By Admin On Saturday May 14 2022 3
Shri Kuber Chalisa in Hindi | श्री कुबेर चालीसा
Shri Kuber Chalisa in Hindi | श्री कुबेर चालीसा ॥ दोहा ॥ जैसे अटल हिमालय और जैसे अडिग सुमेर ।
By Admin On Saturday May 14 2022 3
श्री साईं चालीसा ॥चौपाई॥ पहले साई के चरणों में, अपना शीश नमाऊं मैं। कै
By Admin On Saturday May 14 2022 3
Adi Chitragupta Temple, Patna City, Patna Bihar
Bhakti Sagar | Shri Chitragupta Ji Maharaj
Adi Chitragupta Temple, Patna City, Patna Bihar मंदिर का इतिहास 16 वीं सदी की काली बेसाल्ट पत्थर की भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति दुनिया में अपनी तरह की अनोखी है। यह अनोखा मंदिर, मध्यकालीन भारत की मूर्तिकला का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करती है। इसका शाश्वत गुण विवरण में निहित है - देवताओं के मुखमंडल का प्रत्येक भाव अपनी उत्कृष्ट अभिव्यक्ति में हैं। यह अनमोल है - यह मंदिर, कला का एक उत्कृष्ट टुकड़ा है जो प्राचीनता में डूबी और एक धार्मिक प्रभामं
By Admin On Thursday July 28 2022 3
श्री गणेश चालीसा दोहा जय गणपति सदगुण सदन, कवी वारा बदन कृपाल,
By Admin On Saturday May 14 2022 3
Bhakti Sagar | Shri Chitragupta Ji Maharaj
कैथी एक ऐतिहासिक लिपि है जो मध्यकालीन भारत में प्रमुख रूप से उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत में काफी बृहत रूप से प्रयोग की जाती थी। खासकर आज के उत्तर प्रदेश एवं बिहार के क्षेत्रों में इस लिपि में वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्य किये जाने के भी प्रमाण पाये जाते हैं ।। इसे "कयथी" या "कायस्थी", के नाम से भी जाना जाता है। पूर्ववर्ती उत्तर-पश्चिम प्रांत, मिथिला, बंगाल, उड़ीसा और अवध में। इसका प्रयोग खासकर न्यायिक, प्रशासनिक एवं निजी आँकड़ों के संग्रहण में किया जाता था।
By Admin On Thursday July 28 2022 3
Convert Devnagari to Kaithi Script
Bhakti Sagar | Shri Chitragupta Ji Maharaj
Convert Devnagari to Kaithi Script Aksharamukha aims to provide script conversion between various scripts within the Indic cultural sphere. These in
By Admin On Thursday July 28 2022 3
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