श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र याह गायत्री देवी की उपासना करते समय उपयोग में आनेवाला संस्कृत भाषा में का स्तोत्र है
गायत्री देवी एवम गायत्री मंत्र
गायत्री देवी यह हिंदू धर्म की एक आराध्य देवता हैं. हिन्दू धर्म की मान्यता नुसार महर्षि विश्वामित्र ने गायत्री देवी की कठोर तपस्या की और गायत्री मंत्र की उपासना के हेतु से रचना की.
गायत्री मंत्र -
“ | तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। | ” |
(ऋग्वेद ३,६२,१०)
एक प्रणव गायत्री महामंत्र -
“ | ॐ भूर्भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं। भर्गोदेवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। | ” |
सहस्रनाम/सहस्त्रनाम
(शाब्दिक अर्थ - हजार नाम) संस्कृत साहित्य में एक प्रकार का स्तोत्र रचना होती है जिसमें किसी देवता के एक सहस्र (हजार) नामों का उल्लेख होता है, जैसे विष्णुसहस्रनाम, ललितासहस्रनाम आदि. इसी तरह गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र में हिन्दू धर्म की गायत्री देवी के एक सहस्र नामों का उल्लेख है. इस स्त्रोत्र का प्रमुख उद्देश्य अपनी आराध्य देवता को प्रसन्न करना है.
श्री गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र
गायत्री सहस्रनाम स्तोत्र अथवा गायत्री सहस्रनामावली में गायत्री देवी के एक हजार नाम होते हैं. इसमें से प्रत्येक नाम गायत्री देवी से संबंधित है और गायत्री देवी का वैशिष्ट्य उल्लेखित करता है। स्रोत को संस्कृत विकिस्रोत पर देखा जा सकता है।
✍ Share Your Knowledge with Our Community!
get rewards for paying bills
upto ₹250 off when you pay your first bill on CRED