पटना. औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) के प्रथम समेस्टर की परीक्षा के प्रश्नपत्र और आंसर परीक्षा शुरू होने से पहले ही वायरल हो गए। सोमवार को शैक्षणिक सत्र 2017-19 के इलेक्ट्रिशियन और फिटर की प्रैक्टिकल परीक्षा थी। परीक्षा बिहार के 199 और पटना के 23 परीक्षा केंद्रों पर ली गई। कई परीक्षार्थियों ने बताया कि उनके पास दो दिन पहले से ही दोनों विषय के प्रश्न और उत्तर उपलब्ध थे।
सोमवार को परीक्षा साढ़े नौ बजे से शुरु हुई। परीक्षा के बाद जब वायरल उत्तर को प्रश्नपत्र से मिलाया गया तो वे बिल्कुल एक जैसे निकले। आईटीआई के कई इंस्ट्रक्टरों ने भी पुष्टि की कि पहले से वायरल उत्तर, परीक्षा में पूछे एक प्रश्नपत्र के ही हैं। आईटीआई की परीक्षा 19 जनवरी से शुरू हुई है। यह परीक्षा 13 फरवरी तक चलेगी। लगभग 2 लाख छात्र इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
दावे पर फिरा पानी
लगभग दस दिन पहले श्रम संसाधन विभाग की ओर से दावा किया गया था कि इस बार की परीक्षा कदाचारमुक्त होगी। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा ली जाएगी। विभाग की ओर से इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया था। लेकिन तमाम दावों पर आईटीआई के माफिया भारी पड़ गए। छात्रों को दो दिन पहले की उत्तर दे दिया गया ताकि वे याद कर परीक्षा में लिख दें।
केंद्रों की लगती है बोली
आईटीआई परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक करने और सेंटर मैनेज करने वाला एक बड़ा गिरोह परीक्षा में इसी तरह छात्रों को परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र या फिर उत्तर मुहैया कराता है। सेंटर मैनेज करने के लिए इसमें परीक्षा केंद्रों की बोली तक लगती है। इसमें करोड़ों की डील होती है। छात्र से 15 सौ से 2000 रुपए तक वसूलते हैं। पिछले साल अगस्त में आईटीआई परीक्षा में इंजीनियरिंग की ड्राइंग का प्रश्नपत्र लीक हुआ था।
हर परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक कराने का होता है प्रयास
नीट 2017 : राष्ट्रीय योग्यता प्रवेश परीक्षा (नीट) 2017 का प्रश्न पत्र लीक हुआ था। सात मई 2017 को हुई परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक मामले में पटना पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके तार बिहार एसएससी प्रश्न पत्र लीक कांड से जुड़े थे। इस मामले में बीएसएससी पेपर लीक कांड के मुख्य आरोपी संजीव गुरु के बेटे गुड्डू की गिरफ्तारी हुई थी।
बीएसएससी :19 फरवरी व 26 फरवरी को प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जाना था। 29 जनवरी की परीक्षा के पहले ही प्रश्न पत्र मार्केट में था। बीएसएससी ने तब लीक मामले को नकार दिया था। बाद में पांच फरवरी को होने वाली परीक्षा के पहले ही प्रश्न पत्र एक बार फिर मार्केट में था।
एमटीएस : एसएससी की ओर से 2017 में मल्टी टास्किंग (एमटीएस) परीक्षा शुरू होने के साथ ही प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आई। वायरल प्रश्न पत्र व उत्तर का मिलान किए जाने के बाद दोनों समान पाए गए। हालांकि, एसएससी की ओर से तब इस संबंध में कोई बयान नहीं आया था।
श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि अगर प्रश्नपत्र और उत्तर वायरल है तो परीक्षा रद्द की जाएगी। मेधावी बच्चों के भविष्य से जो भी खिलवाड़ कर रहे हैं उन पर कार्रवाई होगी। ऐसी सूचना विभाग को भी मिली है कि कई पदाधिकारी के संबंधियों के आईटीआई काॅलेज हैं और ऐसे लोग ही इस नेक्सस में शामिल हैं। पूरे गिरोह को चिन्हित कर खत्म किया जाएगा।