समान काम के लिए समान वेतनः पटना उच्च न्यायालय।

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समान काम के लिए समान वेतनः पटना उच्च न्यायालय।
31 अक्टूबर 2017 को पटना उच्च न्यायालय ने समान काम के लिए समान वेतन लागू करने का निणर्य लिया है। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश राजेंन्द्र मेनन की खण्डपीठ ने नियोजित शिक्षकों द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला दिया कि समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए। पटना उच्च न्यायालय के अनुसार यह फैसला लागू हो जाना चाहिए नहीं तो यह सवैंधानिक प्रावधानों का उल्लंघन माना जायेगा। न्यायालय ने नियोजित शिक्षकों की याचिका को सुरक्षित रखते हुए आज इस पर सुनवाई करते हुए समान काम के लिए समान वेतन का फैसला दिया।

समान काम के लिए समान वेतनः पटना उच्च न्यायालय।

अदालत में नियोजित शिक्षकों ने याचिका दायर करते हुए आरोप लगाया था कि समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा रहा बल्कि बहुत कम वेतन दिया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों की ओर से वरीष्ठ अधिवक्तओं में राजेन्द्र प्रसाद सिंह, पीके सिंह, विश्वनाथ प्रसाद सिन्हा शामिल हैं। सरकार की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती सरकार नहीं करती इस लिए समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू नहीं होना चाहिए। बता दें कि बिहार के विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों का वेतन चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों से भी कम होता है।

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