मदरसों में पढ़ने वाले छात्र भी अब स्कूली छात्रों से कदम से कदम मिलाकर चल सकेंगे। तैतानिया (कक्षा 1 से 5) और फौकानिया (कक्षा 5 से 8) तक आधुनिक विषयों का ककहरा सिखाने के बाद मदरसा बोर्ड अब आलिया या उच्च आलिया स्तर (हाईस्कूल व उससे ऊपर) पर भी आधुनिक विषयों को अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल करने की तैयारी कर रहा है। प्रस्ताव लागू होने के बाद मदरसों के छात्र एनसीईआरटी की किताबों से अपना भविष्य बनाएंगे।
मदरसों में गणित, विज्ञान, कंप्यूटर, इतिहास व भूगोल पढ़ाने की प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद मदरसा बोर्ड इन विषयों को अनिवार्य करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मदरसा बोर्ड के मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल में अरबी, फारसी व उर्दू, हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, नागरिक शास्त्र, कंप्यूटर विषय विकल्प के तौर पर पढ़ाए जा रहे हैं।
जबकि, तैतानिया और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषय पाठयक्रम में शामिल हैं। बोर्ड तैतानिया और फौकानिया स्तर में भी शैक्षणिक सुधार की जरूरत महसूस कर रहा है, ताकि आलिया और उच्च आलिया स्तर पर आधुनिक विषयों को अनिवार्य करने पर छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
जबकि, तैतानिया और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तर्ज पर हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषय पाठयक्रम में शामिल हैं। बोर्ड तैतानिया और फौकानिया स्तर में भी शैक्षणिक सुधार की जरूरत महसूस कर रहा है, ताकि आलिया और उच्च आलिया स्तर पर आधुनिक विषयों को अनिवार्य करने पर छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
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