बिहार का एक ऐसा मंदिर, जहां बलि के बाद भी जिंदा रहते हैं बकरे
बिहार के कैमूर जिले में मां मुंडेश्वरी का एक अनोखा मंदिर है. यहां बकरे की बलि दी जाती है लेकिन उसकी मौत नहीं होती. भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक मां मुंडेश्वरी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में कैमूर पर्वतश्रेणी की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट ऊंचाई पर स्थित है. माना जाता है की ये मंदिर मां का सबसे पुराना मंदिर है.
108 ईसवी में बना था मंदिर
ये मंदिर बहुत प्राचीन है. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 108 ईस्वी में हुआ था. हालांकि इस मंदिर के निर्माण को लेकर बहुत सारी मान्यताएं है. लेकिन मंदिर में लगे भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के सूचनापट्ट से यह जानकारी मिलती है कि यह मंदिर 635 ईसवी से पूर्व अस्तित्व में था.
वैसे तो देवी मां के हर शक्तिपीठ की अपनी एक अलग पहचान है . मगर मां मुंडेश्वरी के मंदिर में कुछ ऐसा घटित होता है जिसपर किसी को सहज ही विश्वास नहीं होता.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर में बकरे की बलि की प्रक्रिया बहुत अनूठी है. कहा जाता है की मंदिर में बकरे की बलि नहीं दी जाती. यहां बकरे को देवी के सामने लाया जाता है, जिस पर पुरोहित मंत्र वाले चावल छिड़कता है. जिससे वह बेहोश हो जाता है, फिर होश में आने के बाद उसे बाहर छोड़ दिया जाता है
For more information visit http://www.biharshariff.com/2017/09/mystry-of-mundeshwari-mandir.html
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