अब वन नेशन, वन टैक्स वाला GST हो गया लागू
नयी दिल्लीः 70 साल के बाद आर्थिक आजादी की पहल जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लागू करके देश ने शुक्रवार की आधी रात को एक नया इतिहास रचने का काम कर दिया है. संसद के केंद्रीय कक्ष में शुक्रवार की आधी रात को वन नेशन, वन टैक्स की प्रणाली की घोषणा के लिए आयोजित विशेष सत्र के दौरन जीएसटी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण के बाद लागू कर दिया गया है.
इस एेतिहासिक पल के लिए आयोजित संसद के विशेष राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत तमाम केंद्रीय मंत्री आैर विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे. हालांकि, इस कार्यक्रम से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दूरी बनाये रखी, कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया था.
जीएसटी लागू होने के पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी को लागू किया जाना देश के लिये महत्वपूर्ण क्षण है. जीएसटी भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और समझदारी को समपर्ति है. उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय निर्यात को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनायेगा और आयात से मुकाबला करने के लिये घरेलू उद्योगों को समान अवसर देगा.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीतिक दलों के साझा प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लंबे विचार-विमर्श का नतीजा, केंद्र सहित सभी राज्यों ने इस पर सालों साल बातचीत की. जीएसटी सहयोगात्मक संघवाद का एक उम्दा उदाहरण है. जीएसटी भारत का आर्थिक एकीकरण है, यह ठीक उसी तरह है जैसा सरदार वल्ल्भभाई पटेल ने कई दशक पहले देश को एकजुट करने के लिए किया था. पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के साथ ही 31 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश एक साथ जुड़ जायेंगे और टोल नाकाओं पर लंबी कतारें समाप्त हो जायेंगी.
पीएम मोदी ने कहा कि देश आधुनिक टैक्सेशन सिस्टम की ओर बढ़ रहा है. यह एक ऐसी व्यवस्था है, जो ज्यादा सरल है. पारदर्शी है. यह ऐसी व्यवस्था है, जो कालेधन और भ्रष्टाचार रोकने में मददगार है. ऐसी व्यवस्था है, जो ईमानदारी को बढ़ावा देती है. ऐसी व्यवस्था है, जो गवर्नेंस का नया कल्चर डेवलप कर रही है. जीएसटी की की व्यवस्था तकनीक से जुड़ी होने के कारण ग्रे एरिया पूरी तरह समाप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा किक सामान्य व्यापारियों, कारोबारियों को अब अफसर परेशान नहीं कर पायेंगे. जीएसटी के लागू होने के बाद कोई अधिकारी किसी व्यापारी को बेवजह परेशान नहीं कर पायेगा. 20 लाख तक के टर्नओवरवाले कारोबारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. 75 लाख तक का कारोबार करनेवालों को कुछ न्यूनतम जरूरतें पूरी करनी होगी. उन पर कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा.
जीएसटी की व्यवस्था बड़े-बड़े शब्दों से जुड़ा नहीं है. यह देश के गरीबों के हित में सबसे सार्थक कदम है. आजादी के 70 साल बाद भी हम गरीबों तक जो नहीं पहुंचा पाये, इस कानून के लागू होने के बाद पहुंचाने में सक्षम होंगे. पहले की सरकारों ने भी आम लोगों के हित में कई काम किये. लेकिन, उनके पास भी पर्याप्त संसाधन नहीं थे. संसाधनों को सुव्यवस्थित ढंग से लागू करने की एक सीमा थी. हमने तय किया कि बोझ को बांट कर देश को आगे बढ़ायेंगे. इसमें सभी दलों का भरपूर समर्थन मिला. उन सबका तहे दिल से शुक्रिया.
नयी दिल्लीः 70 साल के बाद आर्थिक आजादी की पहल जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लागू करके देश ने शुक्रवार की आधी रात को एक नया इतिहास रचने का काम कर दिया है. संसद के केंद्रीय कक्ष में शुक्रवार की आधी रात को वन नेशन, वन टैक्स की प्रणाली की घोषणा के लिए आयोजित विशेष सत्र के दौरन जीएसटी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण के बाद लागू कर दिया गया है.
इस एेतिहासिक पल के लिए आयोजित संसद के विशेष राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन समेत तमाम केंद्रीय मंत्री आैर विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित थे. हालांकि, इस कार्यक्रम से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दूरी बनाये रखी, कांग्रेस ने इस कार्यक्रम के बहिष्कार का एलान किया था.
जीएसटी लागू होने के पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी को लागू किया जाना देश के लिये महत्वपूर्ण क्षण है. जीएसटी भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और समझदारी को समपर्ति है. उन्होंने कहा कि जीएसटी भारतीय निर्यात को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनायेगा और आयात से मुकाबला करने के लिये घरेलू उद्योगों को समान अवसर देगा.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीतिक दलों के साझा प्रयासों का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जीएसटी लंबे विचार-विमर्श का नतीजा, केंद्र सहित सभी राज्यों ने इस पर सालों साल बातचीत की. जीएसटी सहयोगात्मक संघवाद का एक उम्दा उदाहरण है. जीएसटी भारत का आर्थिक एकीकरण है, यह ठीक उसी तरह है जैसा सरदार वल्ल्भभाई पटेल ने कई दशक पहले देश को एकजुट करने के लिए किया था. पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के साथ ही 31 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश एक साथ जुड़ जायेंगे और टोल नाकाओं पर लंबी कतारें समाप्त हो जायेंगी.
पीएम मोदी ने कहा कि देश आधुनिक टैक्सेशन सिस्टम की ओर बढ़ रहा है. यह एक ऐसी व्यवस्था है, जो ज्यादा सरल है. पारदर्शी है. यह ऐसी व्यवस्था है, जो कालेधन और भ्रष्टाचार रोकने में मददगार है. ऐसी व्यवस्था है, जो ईमानदारी को बढ़ावा देती है. ऐसी व्यवस्था है, जो गवर्नेंस का नया कल्चर डेवलप कर रही है. जीएसटी की की व्यवस्था तकनीक से जुड़ी होने के कारण ग्रे एरिया पूरी तरह समाप्त हो रहा है.
उन्होंने कहा किक सामान्य व्यापारियों, कारोबारियों को अब अफसर परेशान नहीं कर पायेंगे. जीएसटी के लागू होने के बाद कोई अधिकारी किसी व्यापारी को बेवजह परेशान नहीं कर पायेगा. 20 लाख तक के टर्नओवरवाले कारोबारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. 75 लाख तक का कारोबार करनेवालों को कुछ न्यूनतम जरूरतें पूरी करनी होगी. उन पर कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा.
जीएसटी की व्यवस्था बड़े-बड़े शब्दों से जुड़ा नहीं है. यह देश के गरीबों के हित में सबसे सार्थक कदम है. आजादी के 70 साल बाद भी हम गरीबों तक जो नहीं पहुंचा पाये, इस कानून के लागू होने के बाद पहुंचाने में सक्षम होंगे. पहले की सरकारों ने भी आम लोगों के हित में कई काम किये. लेकिन, उनके पास भी पर्याप्त संसाधन नहीं थे. संसाधनों को सुव्यवस्थित ढंग से लागू करने की एक सीमा थी. हमने तय किया कि बोझ को बांट कर देश को आगे बढ़ायेंगे. इसमें सभी दलों का भरपूर समर्थन मिला. उन सबका तहे दिल से शुक्रिया.