बीजेपी और जदयू विधायकों के साथ कार्यवाहक राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
राजभवन से बाहर निकलने के बाद बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गुरुवार सुबह 10 बजे राजेंद्र मंडप हॉल में शपथ ग्रहण का आमंत्रण दिया गया है. उन्होंने कहा कि वो जल्द से जल्द विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे.
उन्होंने ये भी बताया कि उनकी ओर से 132 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपी गई है.
उधर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि राज्यपाल ने आरजेडी को 11 बजे का समय दिया था और अब नीतीश कुमार को सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण के लिए बुलाया है, "इतनी जल्दी क्या है-मिस्टर ओनेस्ट एंड मॉरल?"
तेजस्वी ने ये भी लिखा कि आधे जदयू विधायक उनके संपर्क में हैं इसलिए आधी रात को जल्दी में नीतीश कुमार राज्यपाल के पास गए हैं.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अगर राज्यपाल ने उन्हें सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद नहीं बुलाया तो वो धरना करेंगे.
एनडीए ने कार्यवाहक राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी को समर्थन की चिट्ठी सौंप दी थी लेकिन तबियत बिगड़ने की वजह से राज्यपाल त्रिपाठी को अस्पताल भरती करवाया गया था.
कुछ घंटों पहले सरकारी टीवी चैनल दूरदर्शन न्यूज़ ने ट्विटर पर जानकारी दी थी कि नीतीश कुमार गुरुवार शाम पांच बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस्तीफ़ा दिया है, हम उनके इस्तीफ़े का स्वागत करते हैं."
सुशील मोदी ने ये भी संकेत दिया कि भारतीय जनता पार्टी राज्य में चुनाव नहीं चाहती है. उन्होंने कहा, "हम बिहार में मध्यावधि चुनाव नहीं चाहते हैं. पांच साल के लिए विधायक जीत कर आए हैं, उन्हें काम करने का मौक़ा मिलना चाहिए."
सुशील मोदी ने ये भी जानकारी दी थी कि भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में तीन लोगों को अधिकृत किया गया है कि वे विधायकों की राय जानकर केंद्रीय नेत्तृत्व को अवगत कराएगी, और उसके बाद केंद्रीय नेतृत्व फ़ैसला लेगा. हालांकि बीजेपी ने समर्थन देने का फ़ैसला तत्काल ही ले लिया.
हरिवंश ने कहा, ''पार्टी ने बैठक के बाद तेजस्वी यादव पर लगे गंभीर आरोपों पर बिंदुवार जवाब देने को कहा था. वो (नीतीश) राहुल गांधी से भी मिले और कई बार नीतीश कुमार ने कहा कि वो अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. ये तय है कि नीतीश कुमार इस तरह का कदम उठाने वाले थे ये साफ़ था.''
नोटबंदी और राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का समर्थन करने वाले नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर नरम रुख़ के संकेत दिए हैं, इस पर हरिवंश ने कहा, ''वो अपने शर्तों पर राजनीति करते हैं. अगर याद करें तो राष्ट्रपति पद के लिए उन्होंने यूपीए के उम्मीदवार प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था तब वो बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार में थे. इसी तरह एनडीए के साथ थे तब उन्होंने कहा था कि समान संचार संहिता पर सरकार कोई कदम नहीं उठाएं.''
विपक्ष को एकजुट को गहरा धक्का देने के आरोप पर हरिवंश कहते हैं, ''नीतीश कुमार ने कहा कि अगर विकल्प की राजनीति करनी है तो वो मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित होगी वो राजनीति प्रतिक्रिया के आधार पर नहीं होगी, इससे कहीं नहीं पहुंच सकते. उन्होंने असम में पहल की कि कांग्रेस आगे आए और गठबंधन का नेतृत्व करे. उत्तर प्रदेश में भी उन्होंने कोशिश की कि कांग्रेस बड़ी पार्टी होने के नाते गठबंधन का नेतृत्व करे.''
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी नितीश कुमार के आवास पहुंचे.
इससे पहले नीतीश कुमार के इस्तीफ़े के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके उन्हें बधाई दी.
मौजूदा समय में बिहार विधानसभा जनता दल यूनाइटेड के 71 विधायक हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास 53 विधायक हैं. जबकि राष्ट्रीय जनता दल के 80 विधायक हैं.
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