बिहार है तैयार साथ-साथ जोड़े हाथ । नशा मुक्ति के पक्ष में राज्य व्यापी मानव श्रृंखला 21 जनवरी 2017 समय 12:15 से 01:00 बजे तक
बिहार माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नेतृत्व में इतिहास बनाने जा रहा है. शराबबंदी और इससे बढ़कर नशाबंदी के समर्थन में कल बिहार के दो करोड़ से अधिक लोग मानव श्रृंखला बनायेंगे. और इससे भी बड़ी संख्या में लोग इसके समर्थन में रहेंगे. वे सोशल मीडिया पर होंगे, वे घर में होंगे, वे सफ़र में होंगे. पर उनका समर्थन होगा. बिहार बेहतर समाज बनेगा. कई अन्य राज्यों में शराबबंदी हुई है, परन्तु बिहार ने जिस दृढ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है, वो अपने आप में एक उदहारण पेश करता है. माननीय मुख्यमंत्री महोदय के प्रयासों की सराहना किये बगैर खुद माननीय प्रधानमंत्री महोदय भी नहीं रह सके.
बिहार माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नेतृत्व में इतिहास बनाने जा रहा है. शराबबंदी और इससे बढ़कर नशाबंदी के समर्थन में कल बिहार के दो करोड़ से अधिक लोग मानव श्रृंखला बनायेंगे. और इससे भी बड़ी संख्या में लोग इसके समर्थन में रहेंगे. वे सोशल मीडिया पर होंगे, वे घर में होंगे, वे सफ़र में होंगे. पर उनका समर्थन होगा. बिहार बेहतर समाज बनेगा. कई अन्य राज्यों में शराबबंदी हुई है, परन्तु बिहार ने जिस दृढ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है, वो अपने आप में एक उदहारण पेश करता है. माननीय मुख्यमंत्री महोदय के प्रयासों की सराहना किये बगैर खुद माननीय प्रधानमंत्री महोदय भी नहीं रह सके.
हमें समझना होगा कि शराबबंदी महज एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, ये इससे बढ़ कर सामाजिक मुहीम है. शराब के अवैध कारोबारियों से प्रशासनिक स्तर पर तो निपटा जा सकता है, परन्तु पीने की ललक और इससे परिवार के बच्चों और महिलाओं पर पड़ने वाले बुरे असर से निपटना प्रशासनिक स्तर पर संभव नहीं. इसके लिए समाज में जाग्रति फैलाने की जरुरत है. मुख्यमंत्री महोदय इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं.
इस कारण से मानव श्रृंखला बनाने की आवश्यकता महसूस की गयी. कुछ लोग इस पर ऊँगली उठा रहे हैं. पर ये समझना होगा कि मानव श्रृंखला बनाने की एक लम्बी परंपरा रही है. कई महत्वपूर्ण मौकों पर मानव श्रृंखला बनायीं जाती रही है.
ऐसे में अगर स्कूली बच्चे भी इस मुहीम में शामिल होते हैं, तो इस मुहीम को और बल मिलेगा. क्योंकि आज के बच्चे कल के युवा हैं, अगर उनमे अभी सन्देश दिया जाए, तो फिर चेन को तोडा जा सकेगा. ऐसे में नशाबंदी को सफल बनाना आसान हो जाएगा. ये एक पवित्र काम है. हमें अपने बच्चों को नशाखोरी के जाल में फंसने से बचाना है. वे कल के सफल उधमी, सफल नागरिक बने. बिहार का नाम रौशन करें. इसकी नींव अभी डालनी होगी. स्कूलों में हम बच्चों के लिए कई स्पर्धाएं करवाते हैं, ये तो एक पवित्र मुहीम है. पुरे बिहार को चाहिए कि पूरी ताकत से इस मुहीम में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करें और सिर्फ देश भर में नहीं, बल्कि पुरे विश्व में एक सकारात्मक सन्देश दे !!
जय बिहार ! जय हिन्द !!
इस कारण से मानव श्रृंखला बनाने की आवश्यकता महसूस की गयी. कुछ लोग इस पर ऊँगली उठा रहे हैं. पर ये समझना होगा कि मानव श्रृंखला बनाने की एक लम्बी परंपरा रही है. कई महत्वपूर्ण मौकों पर मानव श्रृंखला बनायीं जाती रही है.
ऐसे में अगर स्कूली बच्चे भी इस मुहीम में शामिल होते हैं, तो इस मुहीम को और बल मिलेगा. क्योंकि आज के बच्चे कल के युवा हैं, अगर उनमे अभी सन्देश दिया जाए, तो फिर चेन को तोडा जा सकेगा. ऐसे में नशाबंदी को सफल बनाना आसान हो जाएगा. ये एक पवित्र काम है. हमें अपने बच्चों को नशाखोरी के जाल में फंसने से बचाना है. वे कल के सफल उधमी, सफल नागरिक बने. बिहार का नाम रौशन करें. इसकी नींव अभी डालनी होगी. स्कूलों में हम बच्चों के लिए कई स्पर्धाएं करवाते हैं, ये तो एक पवित्र मुहीम है. पुरे बिहार को चाहिए कि पूरी ताकत से इस मुहीम में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करें और सिर्फ देश भर में नहीं, बल्कि पुरे विश्व में एक सकारात्मक सन्देश दे !!
जय बिहार ! जय हिन्द !!
Content By Sagarika Chowdhary
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