सुशांत लोक में फल ब्रिकेता का पैसा ग्राहक ने अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया
\एक ओर जहां पीएम मोदी कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दे रहे हैं, वहीं कुछ शातिर लोग इस तकनीक से भी फ्रॉड करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सुशांत लोक में फल बेचने वाले बाबू खान के पेटीएम से फ्रॉड का मामला सामने आया है। उनका आरोप है कि एक ग्राहक ने 1800 रुपये का फल खरीदा और पेटीएम से उनके अकाउंट से ही पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। हालांकि दुकानदार ने मामले की शिकायत पुलिस में नहीं दी है।
\एक ओर जहां पीएम मोदी कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दे रहे हैं, वहीं कुछ शातिर लोग इस तकनीक से भी फ्रॉड करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सुशांत लोक में फल बेचने वाले बाबू खान के पेटीएम से फ्रॉड का मामला सामने आया है। उनका आरोप है कि एक ग्राहक ने 1800 रुपये का फल खरीदा और पेटीएम से उनके अकाउंट से ही पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए। हालांकि दुकानदार ने मामले की शिकायत पुलिस में नहीं दी है।
सुशांत लोक में फल बेचने वाले बाबू खान ने बताया कि नोटबंदी के बाद कारोबार में काफी कमी आ गई। पॉश एरिया में दुकान होने के लोगों ने कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दिया। इस पर उन्होंने एक स्मार्ट फोन खरीद लिया और उसमें पेटीएम डाउनलोड कर लिया। जो ग्राहक पेटीएम से पेमेंट की बात कहता था बाबू अपना मोबाइल उनको दे देते और उनसे ही पैसे डालने के लिए कह देते। एक ग्राहक ने 1800 रुपये का फल खरीदा और पेटीएम से पेमेंट करने को कहा। उन्होंने ग्राहक को अपना मोबाइल देकर कहा कि आप ही कैश ट्रांसफर कर दें। मुझे ये ऐप चलाना नहीं आता। ग्राहक ने बाबू को 1800 रुपये का मेसेज दिखाकर फ्रूट ले लिए। शाम को वह अपने दोस्त के पास दिन भर की बिक्री का हिसाब करने गए तो पता चला कि 1800 की पेमेंट आई नहीं बल्कि निकाली गई है। अपने साथ हुई ठगी और ऐप के झंझट से परेशान होकर उन्होंने ऐप से ट्रांजेक्शन बंद कर दी।
बाबू के साथ फ्रूट बेचने वाले चरण सिंह ने भी ऐप से पेमेंट करने में तौबा कर ली है। अपने साथ हुई ठगी की बात अपने साथियों को बताने के बाद सिकंदरपुर में छोले भठूरे बेचने वाले धन सिंह ने भी सिर्फ नकद में भी पेमेंट लेना उचित समझा। धन सिंह ने बताया कि हम कम पढ़े लिखे लोग हैं। वैसे भी हमारा ज्यादातर काम खुले पैसे का ही होता है। ऐसे में अगर ऐप के माध्यम से एक बार भी गड़बड़ी हुई तो सारे दिन की कमाई चली जाएगी। इसलिए नई तकनीक से दूर ही रहना ठीक है। बाबू खान ने इस बाबत पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी है।
ऐसे बचें फ्रॉड से
पेटीएम, फ्रीचार्ज और मोबिक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट से नोटबंदी के बाद काफी सहूलियत हो गई है। लेकिन इससे रिस्क भी बढ़ गया है। क्या बरतें सावधानी...
-मोबाइल वॉलेट से लेनदेन करते वक्त किसी को अपना मोबाइल न दें।
-पेमेंट करने के लिए स्कैन कोड दिखाएं या मोबाइल नंबर बताएं।
-हर बार पेमेंट करने के बाद इसके कंप्लीट होने का मेसेज जरूर चेक करें।
-मिसयूज से बचने के लिए मोबाइल को कोड या पैटर्न से लॉक रखें।
-वॉलेट में बहुत से पैसे न रखें। जब जरूरत हो, तभी उसमें पैसे डालें।
-अगर आप दुकानदार हैं तो एक लिमिट के बाद पैसे बैंक में ट्रांसफर कर दें।
बाबू के साथ फ्रूट बेचने वाले चरण सिंह ने भी ऐप से पेमेंट करने में तौबा कर ली है। अपने साथ हुई ठगी की बात अपने साथियों को बताने के बाद सिकंदरपुर में छोले भठूरे बेचने वाले धन सिंह ने भी सिर्फ नकद में भी पेमेंट लेना उचित समझा। धन सिंह ने बताया कि हम कम पढ़े लिखे लोग हैं। वैसे भी हमारा ज्यादातर काम खुले पैसे का ही होता है। ऐसे में अगर ऐप के माध्यम से एक बार भी गड़बड़ी हुई तो सारे दिन की कमाई चली जाएगी। इसलिए नई तकनीक से दूर ही रहना ठीक है। बाबू खान ने इस बाबत पुलिस में कोई शिकायत नहीं दी है।
ऐसे बचें फ्रॉड से
पेटीएम, फ्रीचार्ज और मोबिक्विक जैसे मोबाइल वॉलेट से नोटबंदी के बाद काफी सहूलियत हो गई है। लेकिन इससे रिस्क भी बढ़ गया है। क्या बरतें सावधानी...
-मोबाइल वॉलेट से लेनदेन करते वक्त किसी को अपना मोबाइल न दें।
-पेमेंट करने के लिए स्कैन कोड दिखाएं या मोबाइल नंबर बताएं।
-हर बार पेमेंट करने के बाद इसके कंप्लीट होने का मेसेज जरूर चेक करें।
-मिसयूज से बचने के लिए मोबाइल को कोड या पैटर्न से लॉक रखें।
-वॉलेट में बहुत से पैसे न रखें। जब जरूरत हो, तभी उसमें पैसे डालें।
-अगर आप दुकानदार हैं तो एक लिमिट के बाद पैसे बैंक में ट्रांसफर कर दें।
http://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/faridabad/paytm-fraud-in-gurgaon/articleshow/55858335.cms