This undated 20th-century map, published in Pune (formerly Poona), India, shows place names in India associated with the Mahābhārāta, one of the two major Sanskrit epics of ancient India (the other being the Ramayana). The title of the map is in Marathi; the place names are in Sanskrit. Mahābhārata can be translated as "the great tale of the Bharata Dynasty.” Most likely composed between 200 B.C. and 200 A.D., this enormously long epic recounts the story of the dynastic struggle and civil war between the Pandavas and the Kauravas in the Kingdom of Kurukshetra that took place in about the ninth century B.C.
यह भारतवर्ष का महाभारतकालीन नक्शा है, जो बेहद सटीक और सही है
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प्राचीन भारतीय इतिहास जितना व्यापक और रोचक है, शायद ही किसी अन्य देश का इतिहास इसके करीब हो। महाभारत के रचयिता वेदव्यास के अनुसार महाराज दुष्यन्त के पुत्र सम्राट भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा था। एतरेय ब्राह्मण के मुताबिक, भरत एक चक्रवर्ती राजा थे, जिन्होंने चार दिशाओं तक की भूमि को जीतकर एक विशास साम्राज्य को कायम किया था। सही मायने में उन्होंने ही पहली बार भारतवर्ष को एक सूत्र में बांधा था। इसकी पुष्टि अमेरिका की लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस भी कर रही है।
बहुत कम लोगों को पता है कि इस लाइब्रेरी ने अधीकृत रूप से महाभारतकालीन भारतवर्ष का मानचित्र जारी किया है। इस मानचित्र के मुताबिक एक समय एकीकृत भारत कांधार से लेकर कंबोज तक हुआ करता था। महाभारतकालीन भारत का फैलाव अत्यधिक विस्तृत माना गया है और यही वजह है कि इस देश को वृहत्तर भारत भी कहा जाता रहा है।
इस मानचित्र को 20वींस सदी के पूर्वार्ध में पूना (अब पुणे) मे बनाया गया था। इसमें उन सभी शहरों और राज्यों की राजधानियों का जिक्र संस्कृत में किया गया है, जो महाभारतकाल में मौजूद थे। मानचित्र में आप देख सकते हैं कि इसके पश्चिमोत्तर में गंधार (अफगानिस्तान) का उल्लेख है, वहीं, भारत की हृदयस्थली पर पांचाल उल्लिखित है।
अब के कर्णाटक को उस वक्त किष्किन्धा के नाम से जाना जाता था। इस मानचित्र को बेहद सही माना जाता है, तभी इसे अमेरिकी इतिहास विभाग ने भी जगह दी है। हालांकि इस बात कहीं जिक्र नहीं है कि इस मानचित्र को किसने बनाया था।