बिहार बोर्ड की मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में अब अॉब्जेक्टिव प्रश्न ज्यादा होंगे
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इस बार की परीक्षा के लिए विशेष तैयारी कर रही है ताकि कहीं से कोई चूक ना हो सके। इसके लिए परीक्षा के पैटर्न में कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं।
पटना [जेएनएन]। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इस बार की मैट्रिक व इंटर की परीक्षा के प्रश्नपत्र का पैटर्न बदल जाएगा। प्रश्नपत्र में आब्जेक्टिव प्रश्नपत्रों की संख्या ज्यादा रहेगी। शिक्षा विभाग द्वारा इसकी तैयारी शुरु हो चुकी है। पैटर्न में बदलाव को लेकर नवंबर में होने वाली बैठक में इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए सिवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि नया पैटर्न 2016-17 सत्र में हर हाल में लागू हो जाने की संभावना है। ऐसे में अब छात्र छात्राओं को परीक्षा में शत प्रतिशत सफलता प्राप्त करने के लिए अपने विषय पर मजबूत पकड़ बनानी होगी ताकि वे सफल हो सकें।
उन्होंने बताया कि बिहार बोर्ड नए साल से शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन किए जाने की पूरी तैयारी कर रहा है। सभी स्कूलों में एक ही दिन परीक्षा होगी तथा प्रश्नपत्र बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा तैयार किए जाएंगे। मूल्यांकन में गड़बड़ी रोकने के लिए बार कोड वाली उत्तर पुस्तिका देने पर विचार चल रहा है। चर्चा है कि 2017 की परीक्षा से बार कोड वाली उत्तर पुस्तिका भी परीक्षार्थियों को दी जा सकती है।
वहीं जिला शिक्षा विभाग के डीपीओ आरएमएसए अखिलेश्वर प्रसाद की माने तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 2016 की मैट्रिक परीक्षा में लगभग 62 हजार परीक्षाथी बोर्ड की परीक्षा में शामिल थे। इसबार की परीक्षा में यह संख्या करीब 65 हजार के पार जाने की संभावना है।
2017 की मैट्रिक व इण्टरमीडिएट की परीक्षा पैटर्न में बदलाव करने की बिहार बोर्ड की तैयारी शुरु हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो इसको लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी प्राप्त हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो 100 अंकों के प्रश्नपत्र में 35 नंबर वैकल्पिक विषय रखने की सहमति बन चुकी है। बस बोर्ड की अंतिम मुहर लगनी बाकी है।
सीवान के जिला शिक्षा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि नए पैटर्न में पासिंग मार्क्स क्या होगा अभी इसपर कोई चर्चा नहीं हुई है इस पर विद्वानों का मंथन चल रहा है। नए परीक्षा पैटर्न के लागू हो जाने से बिहार बोर्ड के परीक्षार्थियों की अपने विषय पर मजबूत पकड़ रहेगी।
इतना ही नहीं सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट की तरह बिहार बोर्ड के छात्र- छात्राओं की अलग पहचान बनेगी और वे प्रतियोगी परीक्षा में बेहतर साबित हो सकेंगे।