परीक्षा के दौरान नकल की वजह से पूरे विश्व में चर्चा में आए बिहार बोर्ड का ऐसा ही एक कारनामा बुधवार को जारी हुए इंटर साइंस के रिजल्ट में भी सामने आया है। एक ही कॉलेज के 222 छात्रों को टॉपर्स की लिस्ट में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं सभी छात्रों के नंबर भी एक समान ही है।
कॉलेज में बड़े स्तर पर हुए नकल की बात कहते हुए किसी ने इसकी शिकायत प्रदेश के शिक्षा मंत्री पीके शाही से कर दी तो उन्होंने जांच होने तक पूरे कॉलेज के रिजल्ट पर ही रोक लगा दी। इसके बाद सभी छात्रों की कॉपियों को गुप्त रूप से दोबारा चेक कराया जा रहा है।
हाजीपुर के विशुन राय कॉलेज के 222 छात्र बोर्ड की ओर से जारी किए गए टॉपर्स की लिस्ट में शामिल हैं। सभी छात्रों के नंबर भी एक समान ही बताए जा रहे हैं। मामले की शिकायत जब शिक्षा मंत्री के पास पहुंची तो उन्होंने परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास तिवारी से इस मामले की रिपोर्ट तलब कर ली। शुरूआती जांच में मामला संदिग्ध पाया गया, जिसके बात दोबारा कॉपी चेक करने का आदेश जारी कर दिया गया। इस दौरान पूरे कॉलेज के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। कॉलेज से पूर्व में भी कई छात्रों ने प्रदेश की टॉपर लिस्ट में जगह बनाई है। इस बार 1007 छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे। परीक्षा समिति के सचिव श्रीनिवास तिवारी ने कहा कि अभी मामले की जांच की जा रही है, ऐसे में इस विषय पर कुछ बोलना ठीक नहीं रहेगा।
परीक्षा के दौरान हाजीपुर और वैशाली में बड़े स्तर पर नकल की बात सामने आई थी। एक स्कूल की दीवार पर चढ़कर अभिभावकों के नकल कराने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। पूरे देश के साथ ही विदेशी मीडिया ने भी बिहार बोर्ड में हो रही धड़ल्ले से नकल की खबरें छापी तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पूरे मामले पर सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा। इसके बाद उन्होंने नकल रोकने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को दे दी और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी, जिसके बाद नकल पर रोक लग सकी थी।
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