हम में से ज्यादातर लोगों का काफी समय फेसबुक पर बीतता है। शायद आप सोचते हों कि आपकी वजह से फेसबुक इतना मुनाफा कमा रही है। कितना अच्छा होता, अगर फेसबुक अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा आपको भी देती! कुछ इसी कॉन्सेप्ट के साथ एक वेबसाइट आई है।
सोशल नेटवर्क वेबसाइट बबल्यूज़ (Bubblews) अपने यूज़र्स को उनकी भागीदारी के लिए पैसे देगी। कुछ पोस्ट करने या शेयर करने पर बबल्यूज़ विज्ञापन से हुई कमाई का एक हिस्सा यूज़र को देगी।
इसके फाउंडर अरविंद दीक्षित और जेसन ज़ुक्कारी हैं। अरविंद दीक्षित ने कहा, 'हम बिज़नस कर रहे हैं, तो हमें इससे पैसे कमाने होंगे, लेकिन हम आपकी सोशल ऐक्टिविटीज़ के लिए आपको पैसे देंगे।'
अरविंद दीक्षित और जेसन ज़ुक्कारी के मुताबिक दूसरी सोशल नेटवर्क वेबसाइट यूज़र्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री ट्रैक करके उससे कई तरीकों से पैसे कमाती हैं, लेकिन वे कुकीज़ नाम की फाइल्स के जरिए यूज़र्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री से डेटा नहीं लेंगे। इसके बदले वे पोस्ट के जरिए जानकारी लेंगे, जो कम से कम 400 कैरक्टर्स की होगी।
अरविंद कहते हैं, 'चूंकि लोग कम से कम 400 कैरक्टर्स लिखेंगे, इसलिए पोस्ट के जरिए हम उनके व्यक्तित्व को समझ सकते हैं। हर आदमी एक आइडेंटिटी है, न कि कुकी, जिसकी आप जासूसी करते हैं।
फाउंडर्स के मुताबिक वेबसाइट के नाम बबल्यूज़ के लिए बबल (किसी के विचार का प्रतीक) और न्यूज़ को मिलाया गया है। इसका पहला बीटा या टेस्ट वर्ज़न 2012 में लॉन्च किया गया था। फाउंडर्स के मुताबिक दसियों हजार लोगों ने इस पर पोस्ट किया और पूरी दुनिया से 2 करोड़ विजिटर्स रहे।
कंपनी ने वेंचर कैपिटल के लिए 30 लाख डॉलर जुटाए और नए डिजाइन वाला प्लैटफॉर्म लॉन्च कर दिया। बब्लूयज़ पर सभी पोस्ट सार्वजनिक हैं और कोई भी किसी भी पोस्ट को फॉलो कर सकता है। इससे पारदर्शिता बढ़ती है और बिना ज्यादा दोस्तों या फॉलोअर्स के भी कोई किसी भी टॉपिक पर बात कर सकता है।
फिलहाल यह साइट केवल इंग्लिश में है, लेकिन इसे और भाषाओं में लाने पर काम जारी है। फाउंडर्स के मुताबिक बीटा साइट पर करीब आधे यूज़र्स अमेरिका से थे, लेकिन कनाडा, ब्रिटेन, भारत, फिलिपीन्स और ब्राजील से भी लोगों की अच्छी हिस्सेदारी थी।
लोगों को हर सोशल इंटरैक्शन के लिए एक सेंट (भारतीय मु्द्रा में करीब 60 पैसे) मिलेगा। क्रेडिट में 50 डॉलर होने पर इन्हें 'पे-पाल' के जरिए कैश किया जा सकेगा।
सोशल नेटवर्क वेबसाइट बबल्यूज़ (Bubblews) अपने यूज़र्स को उनकी भागीदारी के लिए पैसे देगी। कुछ पोस्ट करने या शेयर करने पर बबल्यूज़ विज्ञापन से हुई कमाई का एक हिस्सा यूज़र को देगी।
इसके फाउंडर अरविंद दीक्षित और जेसन ज़ुक्कारी हैं। अरविंद दीक्षित ने कहा, 'हम बिज़नस कर रहे हैं, तो हमें इससे पैसे कमाने होंगे, लेकिन हम आपकी सोशल ऐक्टिविटीज़ के लिए आपको पैसे देंगे।'
अरविंद दीक्षित और जेसन ज़ुक्कारी के मुताबिक दूसरी सोशल नेटवर्क वेबसाइट यूज़र्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री ट्रैक करके उससे कई तरीकों से पैसे कमाती हैं, लेकिन वे कुकीज़ नाम की फाइल्स के जरिए यूज़र्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री से डेटा नहीं लेंगे। इसके बदले वे पोस्ट के जरिए जानकारी लेंगे, जो कम से कम 400 कैरक्टर्स की होगी।
अरविंद कहते हैं, 'चूंकि लोग कम से कम 400 कैरक्टर्स लिखेंगे, इसलिए पोस्ट के जरिए हम उनके व्यक्तित्व को समझ सकते हैं। हर आदमी एक आइडेंटिटी है, न कि कुकी, जिसकी आप जासूसी करते हैं।
फाउंडर्स के मुताबिक वेबसाइट के नाम बबल्यूज़ के लिए बबल (किसी के विचार का प्रतीक) और न्यूज़ को मिलाया गया है। इसका पहला बीटा या टेस्ट वर्ज़न 2012 में लॉन्च किया गया था। फाउंडर्स के मुताबिक दसियों हजार लोगों ने इस पर पोस्ट किया और पूरी दुनिया से 2 करोड़ विजिटर्स रहे।
कंपनी ने वेंचर कैपिटल के लिए 30 लाख डॉलर जुटाए और नए डिजाइन वाला प्लैटफॉर्म लॉन्च कर दिया। बब्लूयज़ पर सभी पोस्ट सार्वजनिक हैं और कोई भी किसी भी पोस्ट को फॉलो कर सकता है। इससे पारदर्शिता बढ़ती है और बिना ज्यादा दोस्तों या फॉलोअर्स के भी कोई किसी भी टॉपिक पर बात कर सकता है।
फिलहाल यह साइट केवल इंग्लिश में है, लेकिन इसे और भाषाओं में लाने पर काम जारी है। फाउंडर्स के मुताबिक बीटा साइट पर करीब आधे यूज़र्स अमेरिका से थे, लेकिन कनाडा, ब्रिटेन, भारत, फिलिपीन्स और ब्राजील से भी लोगों की अच्छी हिस्सेदारी थी।
लोगों को हर सोशल इंटरैक्शन के लिए एक सेंट (भारतीय मु्द्रा में करीब 60 पैसे) मिलेगा। क्रेडिट में 50 डॉलर होने पर इन्हें 'पे-पाल' के जरिए कैश किया जा सकेगा।
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