पटना हाइकोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 47 प्रवर्तन निरीक्षकों की
बहाली प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगा दी है. न्यायाधीश मिहिर कुमार झा की
अदालत ने आयोग से तीन सप्ताह में बहाली प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी
मांगी है. तब तक के लिए बहाली प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी है. प्रप्रभात
कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बुधवार को यह
निर्देश जारी किया. आयोग ने पांच फरवरी को 47 प्रवर्तन अधिकारियों की अंतिम
सूची जारी की थी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि बहाली
प्रक्रिया में कई प्रकार की गड.बड.ियां हुई हैं. आर्थिक अपराध कोषांग ने इस
मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस को गड.बड.ियों की जानकारी
भी मिली, लेकिन आरोपपत्र समय पर दाखिल नहीं करने के कारण सभी लोगों को
जमानत मिल गयी. लिखित परीक्षा के प्रश्नपत्र में 11 सवाल गलत पाये गये.
यहां तक कि एक आवेदक, जो शारीरिक परीक्षा में शामिल नहीं हुआ, उसे भी अंतिम
रूप से पास कर दिया गया. अदालत से कहा गया कि इतनी गड.बड.ियों के बाद भी
कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर अदालत ने सभी बिंदुओं पर तीन सप्ताह के
भीतर जवाब मांगा है. आयोग ने प्रवर्तन निरीक्षक के पद के लिए तीन दिसंबर से
24 दिसंबर, 2012 के बीच लिखित परीक्षा का आयोजन किया था. 118
परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया था और इनके साक्षात्कार लिये गये.
इनमें 47 को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया.
बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रवर्तन निरीक्षक की बहाली पर लगी रोक
Thursday, February 14, 2013
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