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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग , बिहार- एक परिचय
एक अप्रील , 2007 के प्रभाव से राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के समग्र विकास किये जाने के लिए पूर्ववती कल्याण विभाग से अलग कर "अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति कल्याण विभाग" के रुप मे स्थापित किया गया। इस विभाग के माध्यम से कई प्रकार के विशेष कार्यक्रम अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति के आर्थिक,शैक्षणिक,सामाजिक उत्थान के लिए चलाये जा रहे है ।
स्वतन्त्रता के पश्चात राष्ट्र निर्माताओं के द्वारा भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य का स्वरुप प्रदान किया गया एवं भारतीय संविधान में घोषणा की गई कि राज्य के प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वन्तत्रता एवं गरिमा को बनाये रखना इसका प्रथम कत्र्तव्य होगा। इसे सुनिश्चित करने हेतु संविधान में समानता के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया गया। परन्तु भारतीय समाज की संरचना एवं उसमें व्याप्त जातिगत विभेद एवं असमानता की स्थिति को देखते हुए संविधान में नीति निदेशक सिद्धान्तों के माघ्यम से निर्देश दिया गया कि इसे समाप्त करने की दिशा में कठोर कदम उठाये जायें एवं जो वर्ग सदियों से उपेक्षित एवं शोषित हैं, उन्हें सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय दिलाने हेतु ब्यापक कार्यक्रम चलाये जायें ।
संविधान में समावेशित इन्ही मार्ग निर्देशक सिद्धान्तों की पूर्ति हेतु राजकीय संगठन की संरचना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गो के सर्वांगीण विकास का उत्तरदायित्व दिया गया। इस समुदाय में मुख्यत: सामाजिक एवं आर्थिक आधार पर अनु0 जाति, अनु0 जनजाति आते है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के कार्यक्रमों को मूलत: इन्हीं वर्गों के वहूमुखी विकास हेतु निरुपित किया गया है।

विभाग के अधीन अन्य प्रमुख संस्थान एवं समितियां
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत गठित समिति
  • बिहार राज्य अनुसूचित जाति परामर्शदातृ पर्षद
  • विभागीय परामर्शदातृ समिति
  • अनुसूचित जाति योजना तथा अनुसूचित जनजाति उप योजना के अंतर्गत परियोजना स्वीकृति हेतु विशेष समिति का गठन
  • राज्य अनुसूचित जाति आयोग का गठन
  • राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन


  • (क) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारणद्ध अधिनियम 1989 के अन्तर्गत गठित समिति: - अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों को अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करने के निमित केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम,1989 नामक एक अधिनियम पारित कर उसे 30 जनवरी से पूरे देश में लागू किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 21 में निहित प्रावधानों के अनुसार राज्य स्तर पर एक समिति का गठन किया गया है, जिसके अघ्यक्ष माननीय मुख्य मन्त्री, सदस्य माननीय मन्त्री अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति कल्याण विभाग एवं राज्य के उच्च स्तरीय पदाधिकारी के अलावा अनु0जाति एवं जनजाति के राज्य सभा, लोक सभा, विधान सभा एवं विधान परिषद के माननीय सदस्य होते हैं। माननीय मुख्य मन्त्री जी की अध्यक्षता में यह बैठक दिनांक 9-2-07 को आयोजित की गई। माननीय मन्त्री, अनु0जाति एवं अनु0जनजाति कल्याण विभाग की अध्यक्षता में दिनांक-3-12-09 को इस अधिनियम एवं नियम के कार्यान्वयन पर माननीय सदस्य, बिहार विधान सभा के उपस्थिति में बैठक आयोजित की गई है।

    (ख) बिहार राज्य अनुसूचित जाति परामर्शदातृ पर्षद :-बिहार राज्य अनुसूचित जाति परामर्शदातृ पर्षद का गठन माननीय मन्त्री अनुसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति कल्याण विभाग की अध्यक्षता में किये जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जाति की विशेष अंगीभूत योजना की समीक्षा एवं मूल्यांकन हेतु परामर्शदातृ पर्षद के तहत उपसमितियों को गठित करने का प्रावधान है। समिति राज्य के जिलों/प्रखण्डों में जाकर विशेष अंगीभूत योजनाओं की समीक्षा एवं मूल्यांकन करती है एवं राज्य सरकार को परामर्श देती है।

    (ग) विभागीय परामर्शदातृ समिति :- विभागीय कार्यों की समीक्षा, मुल्यांकन एवं परामर्श देने हेतु माननीय मन्त्री, अनु0जाति एवं अनु0जनजाति कल्याण विभाग की अध्यक्षता में विभागीय परामर्शदातृ समिति गठित है जिसके सदस्यों में माननीय विधायकगण हैं। (घ) अनु0जाति उप योजना तथा जनजाति उप योजना के अन्तर्गत परियोजना स्वीकृति हेतु विशेष समिति का गठन :-राज्य सरकार द्वारा अनु0जाति उप योजना तथा जनजाति उप योजना के अन्तर्गत परियोजना स्वीकृति हेतु विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। साथ ही अनु0 जाति एवं अनु0 जनजाति कल्याण विभाग को इसके कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु नोडल विभाग घोषित किया गया है।

    राज्य अनु0जाति आयोग का गठन :-राज्य सरकार द्वारा राज्य अनुसूचित जाति आयोग के गठन की स्वीकृत प्रदान की गई है। इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष तथा तीन सदस्य होगे।

    राज्य अनु0जनजाति आयोग का गठन :-राज्य सरकार द्वारा राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन की स्वीकृत प्रदान की गई है। इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष तथा तीन सदस्य होगे।

     

    बिहार की अनुसूचित जातियों की सूची
    ** समुचे बिहार राज्य में **
    बांतर नट हलालखोर डोम या धनगद
    बाउरी पान या स्वासी हाड़ी (मेहतर या भंगी सहित) दुसाध(धारी या धरही सहीत)
    भोगता पासी कंजर धासी
    चमार या मोची रजवार कुरारिया धोबी
    चौपाल तुरी लालबेगी  
    दबगर भुइयां मुसहर  
    बिहार की अनुसूचित जन-जातियों की सूची
    ** समुचे बिहार राज्य में **
    असुर माल पहाड़िया खरवार गोंड
    बेगा मुंडा खोन्द गोड़ाइत
    बनजारा उरांव किसान हो
    बथुदी परहैया कोड़ करमाली
    बेदिया संताल कोरवा खड़िया
    बिंझिया सौरिया पहाड़िया लोहारा या लोहरा  
    बीरहोर सेवार महली  
    बिरजिया चेरो चींक बड़ाइक  

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